कवि अम्बिर राईको वाम्बुले मातृभाषामा कविता  ‘ब्अिम्तालो नेपाल !’

कला साहित्य -संस्कृति मातृभाषा

ब्अिम्तालो नेपाल

अम्बिर राई

ओ नेपाल !
उनु आ त्वामाचिन्चिङ फेते–रुङग्याम उसुनारि नेपाल
उनु आ उसुनारि गोताम उसुस्याम्मे नेपाल
उनु आ को–चिचिख्लि गोताम नेपाल
उनु नेपालिङ नेपाल !

उनु चीन न्वा भारतआङ खाचिल्वाम नेपाल
उनु आ त्वाम न्वा त्वामाचिन्चिङ खाचिल्वाम नेपाल
सा¥वास इ ब्अिम्ता पाःम भाना बाङुवाँया
भाना बाक्चोआङ सा¥वास ब्अिम्ता ब्लाक्चो रै
ड्आख्वा सिचो तिकिम रै

इस्तिमाख्वास ह्वाला भाटा डाम्चो टोस्याल खुब डाक्बुन्चो
भाटा डाम्चो ड्अ्वाम खुब्से डाक्बुन्चो
उनु दा आ गालि ¥वालमल ब्अिम्निम
आ गालि स्वारमल ब्अिम्निम
सक्के आ गालिन उन बानुम
उनु दा आ उसु जारमल ब्अिम्निम

सक्के आ उसुन उन बानुम
आ त्वाम न्यातुम्वाल दा झन सा¥वास ब्अिम्निम
सक्के आ त्वामलो उन बानुम
उङ थामपाराख माउताखो चोमोलुङ्माङ बुब्ज्वाम फ्याम्टोल्वा
बुब्जवामोस्से ग्यार्सि चेयुङमे

उङ थामपाराख मास्सि चाबुइ
गौरिसंकरन्वा ताघ्लाम्पुसै हिमाल घुमेइ दुमुङचुक्मै
उङ थामपाराख मास्सि चाबुइ

माहाभारत न्वा चुरेक्वाँमान्वा जेपुसै
ढ्याक्सिबाल्बु, च्वाक्बोब्य्राक्बोतिड न्वा ज्वारि सालाङ पुकुमै
उङ थामपाराख मास्सि चाबुइ
सुबुकु, माबुकु न्वा मिलै दुम्कुमाख ङ्वासो स्याङकुमै
उङ थामपाराख मास्सि चाबुइ

सप्तकोसिखो तराइ घुमै ल्याङतिमै
ब्अिम्साङ बाङ्म हिमालआङ बुब्ज्वाम सास्र्वाम
ब्अिम्साङ बाङ्म पहाडआङ सिसिज्वाम कुचु
ब्अिम्साङ बाङ्म तराइआङ फरकाक्चो पैताल

ओ नेपाल !
उनु मल्याक्कै मानिमै आबा
उन दा आ ड्अिवान च्वाम्निम बाःम
आ ब्अिम्तान च्वाम्निम बाःम ।

हलेसी तुवाचुङ नगरपालिका–१ झाप्पा, खोटाङ

२०७८ असार १० गते

 

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